Wednesday, April 28, 2010

फेंगशुई के अनुसार आपके लिए शुभ एवं अशुभ दिशाएं तथा कुआ नंबर जानने की विधि

फेंगशुई के अनुसार व्यक्तियों को दो समूहों मे रखा गया है, पूर्व एवं पश्चिम. आप किस समूह में आते हैं तथा आप का कुआ अंक क्या है यह जानने के लिए आपके जन्मवर्ष के अंतिम दो अंको को १० की संख्या में से घटाना पड़ेगा. जैसे- १९५४ वर्ष के लिए ५+४=९, इसे १० में से घटाने पर शेष १ मिला, यह आपका कुआ अंक हुआ, यह विधि पुरुषों के लिए है. यदि आप महिला हैं, मान लें आपका जन्म १९५४ है तो ५+४=९, इस ९ की संख्या मे ५ जोड़ना होंगे, ९+५=१४, १+४=५, यहाँ पर ५ आपका कुआ अंक हुआ. यह कुआ अंक जानने की विधि २०वीं सदी में जन्में व्यक्तियों पर लागू होती है. २१वीं सदी मे जन्म लेने वालों के लिए पुरुषों को जन्म वर्ष की इकाई संख्या को ११ में से घटाना पड़ेगा तथा महिलाओं को ६ की संख्या जोड़ना होगी. कुआ अंक १, ३, ४, ९ वाले व्यक्ति पूर्व समूह मे आते हैं, इनके लिए उत्तर, दक्षिण, पूर्व तथा दक्षिण-पूर्व दिशाएं शुभ मानी जाती हैं. इसी प्रकार कुआ अंक २, ५, ६, ७, ८, वाले व्यक्ति पश्चिम समूह के माने जाते हैं, इनके लिए पश्चिम, दक्षिण-पश्चिम, उत्तर-पश्चिम तथा उत्तर-पूर्व दिशाएं शुभ मानी गई हैं.संबन्धित समूह इनसे से संबंधित दिशाओं का उपयोग अपने विभिन्न कार्यों के लिए जैसे पढ़ते समय, सोने के लिए, खाना खाते समय तथा व्यवसायी अपने कार्यस्थल में बैठते समय, एमपलोईज़ अपने कार्यालय में इनका लाभ ले सकते हैं. पूर्व समूह के व्यक्तियों के लिए पश्चिम समूह वाले व्यक्तियों की दिशाएं अशुभ मानी जाती हैं. इसी प्रकार पश्चिम समूह वाले व्यक्तियों के लिए पूर्व समूह वाले व्यक्तियों की दिशाएं अशुभ मानी जाती है. कुआ अंक के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति के लिए चार दिशाएं शुभ होती हैं, पहली को सफलता की दिशा, द्वितीय को स्वास्थ्य की दिशा, तृतीय को परिवारिक विकास की दिशा तथा चतुर्थ को व्यक्तिगत विकास की दिशा कहते हैं. इसी तरह से प्रत्येक कुआ अंक के व्यक्ति के लिए चार अशुभ दिशाएं भी होती हैं, जिसमें पहली अनलकी, दूसरी फाइव घोस्ट, तीसरी सिक्स किलिंग तथा चौथी को टोटल लॉस कहते हैं. इसलिए सफलता की दिशा को देखते हुए ही कार्य करने की सलाह दी जाती है तथा यह भी कहा जाता है की स्वास्थ्य की दिशा में सिर रखकर सोना चाहिए. घर या कार्यालय में अशुभ दिशाओं में स्थिर एवं भारी चीज़ें रखना चाहिए. पूर्व समूह के अंकों में कुआ अंक १ के लिए दक्षिण-पूर्व, पूर्व, दक्षिण तथा उत्तर दिशाएं शुभ, जबकि पश्चिम, उत्तर-पूर्व, उत्तर-पश्चिम तथा दक्षिण-पश्चिम दिशाएं अशुभ मानी जाती हैं. ये जल तत्व के होते हैं तथा इनका शुभ रंग हरा है. कुआ ३ के लिए दक्षिण, उत्तर, दक्षिण-पूर्व तथा पूर्व दिशाएं शुभ, जबकि दक्षिण-पश्चिम,उत्तर-पश्चिम, उत्तर-पूर्व तथा पश्चिम दिशाएं अशुभ मानी जाती हैं. ये लकड़ी तत्व के होते हैं तथा लाल एवं नारंगी रंग इनके लिए शुभ माने जाते हैं. कुआ अंक ४ के लिए उत्तर, दक्षिण, पूर्व तथा दक्षिण-पूर्व दिशाएं शुभ और पश्चिम, उत्तर-पूर्व, उत्तर-पश्चिम तथा दक्षिण-पश्चिम दिशाएं अशुभ मानी जाती हैं. ये लकड़ी तत्व के होते हैं और इनके लिए काला एवं नीला रंग शुभ माना जाता है. इसी समूह के अंक ९ के लिए दक्षिण-पूर्व, पूर्व,दक्षिण तथा उत्तर दिशाएं शुभ जबकि दक्षिण-पश्चिम, उत्तर-पश्चिम, उत्तर-पूर्व तथा पश्चिम दिशाएं अशुभ मानी जाती हैं.ये अग्नि तत्व के होते हैं तथा हरा एवं भूरा रंग इनके लिए शुभ होता है.पश्चिम समूह के अंकों में कुआ अंक २ के लिए पश्चिम,उत्तर-पूर्व, उत्तर-पश्चिम तथा दक्षिण-पश्चिम दिशाएं शुभ और उत्तर, दक्षिण,पूर्व तथा दक्षिण-पूर्व दिशाएं अशुभ मानी जाती हैं. ये भूमि तत्व के होते हैं और इनका शुभ रंग पीला तथा मटमैला होता है. अंक ५ वाले पुरुषों के लिए उत्तर-पूर्व, पश्चिम, दक्षिण-पश्चिम तथा उत्तर-पश्चिम दिशाएं शुभ और पूर्व, दक्षिण-पूर्व, दक्षिण और उत्तर दिशाएं अशुभ मानी जाती हैं. ये भूमि तत्व के होते हैं और इनका शुभ रंग पीला एवं मटमैला होता है. अंक ५ वाली महिलाओं के लिए दक्षिण-पश्चिम, उत्तर-पश्चिम, पश्चिम और उत्तर-पूर्व दिशाएं शुभ तथा उत्तर, दक्षिण, पूर्व तथा दक्षिण-पूर्व दिशाएं अशुभ मानी जाती हैं. ये भूमि तत्व की होती हैं और इनका शुभ रंग पीला एवं मटमैला होता है. अंक ६ के लिए पश्चिम, उत्तर-पूर्व, उत्तर-पश्चिम तथा दक्षिण-पश्चिम दिशाएं शुभ, जबकि उत्तर, दक्षिण, पूर्व तथा दक्षिण-पूर्व दिशाएं अशुभ होती हैं. ये धातु तत्व के होते हैं और सफेद एवं स्लेटी रंग इनके लिए शुभ होता है. अंक ७ के लिए पश्चिम,उत्तर-पूर्व,उत्तर-पश्चिम तथा दक्षिण-पश्चिम दिशाएं शुभ, जबकि पूर्व, दक्षिण-पूर्व, दक्षिण और उत्तर दिशाएं अशुभ मानी जाती हैं. ये धातु तत्व के होते हैं और सफेद एवं स्लेटी रंग ही इनके लिए भी शुभ होता है. अंक ८ के लिए उत्तर-पूर्व, पश्चिम, दक्षिण-पश्चिम तथा उत्तर-पश्चिम दिशाएं शुभ और उत्तर, दक्षिण, पूर्व तथा दक्षिण-पूर्व दिशाएं अशुभ मानी जाती हैं. ये भूमि तत्व के होते हैं. इनका शुभ रंग पीला तथा मटमैला होता है.