कालसर्प के उपाय
लाल किताब के अनुसार कालसर्प योग में राहु खाना नम्बर एक में हो और केतु खाना नम्बर सात में तब अपने पास चांदी की ठोस गोली रखनी चाहिए.राहु दो में और केतु आठ में तब दो रंगा का कम्बल दान करना चाहिए.तीन और नौ में क्रमश: राहु केतु हो तो चने की दाल नदी अथवा तलाब में प्रवाहित करना चाहिए.सोना धारण करने से भी लाभ मिलता है.चतुर्थ भाव में राहु हो और दशम भाव में केतु तब चांदी की डिब्बी में शहद भरकर घर के बाहर ज़मीन में दबाना लाभप्रद होता है.खाना नम्बर पांच में राहु हो और केतु खाना नम्बर ग्यारह में और सभी ग्रह इनके बीच में तब घर में चांदी का ठोस हाथी रखने से कालसर्प का विपरीत प्रभाव कम होता है.षष्टम में राहु और द्वादश में केतु होने पर कुत्ता पालने एवं बहन की सेवा करने से लाभ मिलता है. सप्तम में राहु हो और प्रथम में केतु तब लाल रंग की लोहे की गोली सदैव साथ रखना चाहिए एवं चांदी की डिब्बी में नदी का जल भरकर उसमें चांदी का एक टुकड़ा डालकर घर में रखना चाहिए.नवम में राहु हो और खाना नम्बर तीन में केतु हो तब चने की दाल बहते पानी में प्रवाहित करना चाहिए.
जिनकी कुण्डली में दसम खाने में राहु हो और केतु चौथे खाने में उन्हें पीतल के बर्तन में नदी या तालब का जल भरकर घर के अंधेरे कोने में रखना चाहिए.एकादश और पंचम में क्रमश: इस प्रकार की स्थिति हो तो 43 दिनों तक देव स्थान में मूली दान करना चाहिए.द्वादश खाने में राहु हो और षष्टम में केतु हो तो स्वर्ण धारण करने से लाभ होता है.
लाल किताब के अनुसार कालसर्प योग में राहु खाना नम्बर एक में हो और केतु खाना नम्बर सात में तब अपने पास चांदी की ठोस गोली रखनी चाहिए.राहु दो में और केतु आठ में तब दो रंगा का कम्बल दान करना चाहिए.तीन और नौ में क्रमश: राहु केतु हो तो चने की दाल नदी अथवा तलाब में प्रवाहित करना चाहिए.सोना धारण करने से भी लाभ मिलता है.चतुर्थ भाव में राहु हो और दशम भाव में केतु तब चांदी की डिब्बी में शहद भरकर घर के बाहर ज़मीन में दबाना लाभप्रद होता है.खाना नम्बर पांच में राहु हो और केतु खाना नम्बर ग्यारह में और सभी ग्रह इनके बीच में तब घर में चांदी का ठोस हाथी रखने से कालसर्प का विपरीत प्रभाव कम होता है.षष्टम में राहु और द्वादश में केतु होने पर कुत्ता पालने एवं बहन की सेवा करने से लाभ मिलता है. सप्तम में राहु हो और प्रथम में केतु तब लाल रंग की लोहे की गोली सदैव साथ रखना चाहिए एवं चांदी की डिब्बी में नदी का जल भरकर उसमें चांदी का एक टुकड़ा डालकर घर में रखना चाहिए.नवम में राहु हो और खाना नम्बर तीन में केतु हो तब चने की दाल बहते पानी में प्रवाहित करना चाहिए.
जिनकी कुण्डली में दसम खाने में राहु हो और केतु चौथे खाने में उन्हें पीतल के बर्तन में नदी या तालब का जल भरकर घर के अंधेरे कोने में रखना चाहिए.एकादश और पंचम में क्रमश: इस प्रकार की स्थिति हो तो 43 दिनों तक देव स्थान में मूली दान करना चाहिए.द्वादश खाने में राहु हो और षष्टम में केतु हो तो स्वर्ण धारण करने से लाभ होता है.