Saturday, May 8, 2010

फेंग-शुई क्या है ?

फेंग-शुई वास्तव में चीन का वास्तु-शास्त्र है। फेंग यानि हवा और शुई मतलब पानी। फेंग-शुई चीन की पांच हजार वर्ष प्राचीन रहस्यमयी विद्या, कला व विज्ञानं है। भारतीय वास्तुशास्त्र तथा फेंग-शुई में अंतर इतना है की वास्तु की योजना पूर्व में बनाना होती है तत्पश्चात निर्माण किया जाता है, यदि बिना योजना के निर्माण कार्य किया गया है तो उसमें निश्चित तौर पर कुछ न कुछ वास्तुदोष होंगे, उन्हें दूर करने के लिए उपाय स्वरुप उन दोषों को हटाना पड़ेगा यानि तोड़फोड़ करना पड़ेगी। जबकि फेंग-शुई में निर्माण पश्चात् वास्तु या फेंगशुई दोषों को दूर करने के लिए फेंग-शुई के कुछ अर्टिकल्स आदि उन स्थानों पर रखने होते हैं, प्रकाश, रंग, मिरर, पानी, चित्रों, पेंटिंग, आदि से भी इन दोषों को दूर किया जाता है। उल्लेखनीय है की फेंग-शुई के उपाय निश्चित ही कारगर होते हैं बस एक बार अपना कर देखिये। इस प्रकार आज से हजारों वर्ष पूर्व चीनवासियों ने यह पता लगा लिया था की प्रकृति से संघर्ष का रास्ता छोड़ कर यदि उसके साथ सामंजस्य स्थापित किया जाए तो जीवन स्तर को विकसित किया जा सकता है। आज फेंग-शुई के उपाय चीन या भारत में ही नहीं पूरे विश्व में फ़ैल चुके हैं तथा जापान, कोरिया, हांगकांग, सिंगापूर सहित कई पश्चिमी देशों में भी इसका भरपूर उपयोग हो रहा है तथा लोग व्यक्तिगतरूप से, संगठित उद्योगजगत, सरकारी उपक्रम अपनी बिल्डिंगों, माल्स, होटल्स, फैक्ट्री, कारखानों में इसे अपनाकर लाभान्वित हो रहे हैं।

1 comment:

  1. Kaushik ji, a really good information about Fang Sui. thanks.

    ReplyDelete