Tuesday, December 23, 2014

शुक्र से बनने वाले योग


१. जिस कुंडली में शुक्र वक्री होता है उस जातक को दाम्पत्य जीवन में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। यह परेशानी जब-जब गोचर में शुक्र वक्री होता है , उस समय आती है।
२. जिस जातिका की कुंडली में शुक्र, चन्द्रमा, और गुरू केंद्र में १, ४, ७, १० में होतो , वह जातिका गरीब के घर में जन्म लेकर भी जीवन के सभी सुख भोगती है।
३. यदि जिस जातक/जातिका के लग्न में सूर्य, चन्द्रमा हो और १२ वे भाव में शुक्र होतो, वह जातक बहुत धनवान होता है।
४. यदि गुरू से १२ भाव में शुक्र हो तो , यह योग जातिका को धनवान बना देता है।
५. जिस जातिका के केंद्र १, ४, ७, १० वे भाव में शुक्र मीन, वृषभ , तुला राशि में से किसी भी राशि में होतो वह जातिका जीवन में धनवान हो जाती है।                                                                                                         
६. जिस जातिका की कुंडली में शुक्र धनु या मीन राशि में हो और उस पर गुरू की दृष्टि होतो वह जातक का दाम्पत्य जीवन सुखी होता है।
७. यदि शुक्र के २रे भाव और १२ वे भाव में पाप ग्रह सूर्य, शनि, राहू हो तो जातक का दाम्पत्य जीवन में कष्ट होता है।
८. यदि शुक्र मिथुन अथवा कन्या राशि में हो , और उसको चन्द्रमा देखता हो तो , वह जातिका जीवन भर आंनद का उपयोग करती है।
९. जिस जातिका के मिथुन अथवा कन्या राशि के शुक्र पर मंगल की दृष्टि होतो , उस जातक का अत्यधिक कामुकता के कारण धन नष्ट हो जाता है।
१०. जिस जातिका के धनु अथवा मीन राशि के शुक्र पर मंगल की दृष्टि हो तो, ऐसी जातिका पुरूष से घृणा करती है।

No comments:

Post a Comment