Tuesday, December 16, 2014

आप जीवन में कितनी विद्या प्राप्त करेगें

 ** यदि चौथे भाव का स्वामी यदि शुक्र के साथ केंद्र में (१, ४, ७, १० वे भाव में हो) तथा बुध भी उच्च राशि में हो   तो  वह जातक को विद्वान बना देता है।
 ** यदि सूर्य , चन्द्र के मध्य में यदि मंगल , अथवा राहू आ जाए तो जातक बुद्धिमान होता है।
** यदि लग्न अथवा चन्द्र लग्न में गुरू गोचर में १-२-५-९-११ वे भावों से गुजर रहा होतो , जातक उच्च शिक्षा में सफलता पाता है।
** विद्या सारणी :-
जिस भाव में जन्म कुंडली में चन्द्रमा स्थित होता है उससे शिक्षा प्राप्ति के फल -
प्रथम भाव में चन्द्र का फल -विद्या प्राप्त करे और लाभ पाये।
द्वितीय भाव में होतो-पूर्ण विद्या प्राप्त करे।
तीसरे भाव में होतो-विद्या प्राप्ति में माता का सहयोग।
चतुर्थ भाव में होतो-उत्तम विद्या प्राप्त करे।
पंचम भाव में होतो-विद्या प्राप्त हो , किन्तु विद्या के अनुसार लाभ कम मिले।
छठे भाव में होतो-विद्या प्राप्ति में रूकावट, फिर भी लाभ हो।
सातवे भाव में होने पर - विवाह के पूर्व विद्या पूर्ण तथा उससे लाभ। यदि विवाह जल्द हो जय तो विद्या में रूकावट।
आठवें भाव में हो-विद्या में रूकावट/विद्या पूर्ण।
नवम भाव में -विद्या उत्तम।
दसवे भाव में -पिता का काम संभाले, विद्या में रूकावट।
ग्यारहवे भाव में - विद्या पाये/रूकावट भी आये।
बारहवे भाव में - या तो विद्या पूर्ण / अधूरी होती है।

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